Vaibhav Suryavanshi
वैभव सूर्यवंशी: क्रिकेट की दुनिया का उभरता सितारा
वैभव सूर्यवंशी, एक 14 वर्षीय क्रिकेटर, ने अपनी असाधारण प्रतिभा और उपलब्धियों के दम पर क्रिकेट जगत में तहलका मचा दिया है। बिहार के समस्तीपुर जिले के ताजपुर गांव में 27 मार्च 2011 को जन्मे वैभव ने कम उम्र में ही क्रिकेट की दुनिया में अपनी एक खास पहचान बना ली है। हाल ही में, इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2025 की मेगा नीलामी में राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें 1.1 करोड़ रुपये (£105,000) में खरीदकर इतिहास रच दिया। इस तरह, वह आईपीएल इतिहास में सबसे कम उम्र में नीलाम होने वाले खिलाड़ी बन गए। उनकी यह उपलब्धि तब और खास हो गई जब उन्होंने भारत अंडर-19 टीम के लिए ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 के खिलाफ चेन्नई में एक अनौपचारिक टेस्ट मैच में मात्र 58 गेंदों में शतक जड़ा। आइए, इस युवा क्रिकेटर की प्रेरणादायक कहानी को और करीब से जानते हैं।
प्रारंभिक जीवन और क्रिकेट की शुरुआत
वैभव का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ। उनके पिता, संजीव सूर्यवंशी, एक छोटे किसान और अंशकालिक पत्रकार हैं, जिन्हें खुद क्रिकेट का शौक था। संजीव ने वैभव में क्रिकेट के प्रति रुचि को महज चार साल की उम्र में ही पहचान लिया। उन्होंने अपने बेटे के लिए घर के पीछे एक छोटा सा खेल का मैदान बनाया और नौ साल की उम्र में वैभव को समस्तीपुर के एक क्रिकेट अकादमी में दाखिल करवाया। वैभव की प्रतिभा जल्द ही सामने आई, और उन्होंने अपनी उम्र से कहीं आगे की क्षमता का प्रदर्शन किया। उनके पिता ने उनके क्रिकेट प्रशिक्षण के लिए समस्तीपुर और बाद में पटना में कठिन परिश्रम किया, यहां तक कि अपनी जमीन तक बेच दी।
रिकॉर्ड तोड़ उपलब्धियां
वैभव ने क्रिकेट में अपनी यात्रा में कई ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाए हैं। उनकी कुछ प्रमुख उपलब्धियां इस प्रकार हैं:
- सबसे कम उम्र में रणजी ट्रॉफी डेब्यू: जनवरी 2024 में, वैभव ने मात्र 12 साल और 284 दिन की उम्र में बिहार के लिए रणजी ट्रॉफी में डेब्यू किया। यह मुकाबला मुंबई के खिलाफ था, और इस तरह वह 1986 के बाद से भारत में सबसे कम उम्र में प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ी बने।
- सबसे तेज अंडर-19 शतक: सितंबर 2024 में, वैभव ने भारत अंडर-19 के लिए ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 के खिलाफ चेन्नई में 58 गेंदों में 104 रन बनाए। यह भारतीय अंडर-19 टेस्ट इतिहास का सबसे तेज शतक था और विश्व स्तर पर दूसरा सबसे तेज, जो केवल इंग्लैंड के मोइन अली (56 गेंदों) से पीछे है। इस पारी में उन्होंने 14 चौके और 4 छक्के लगाए।
- आईपीएल में सबसे कम उम्र के खिलाड़ी: 13 साल और 243 दिन की उम्र में, वैभव को आईपीएल 2025 की नीलामी में राजस्थान रॉयल्स ने 1.1 करोड़ रुपये में खरीदा। दिल्ली कैपिटल्स के साथ तीखी बोली के बाद राजस्थान ने उन्हें अपनी टीम में शामिल किया। वह आईपीएल से भी छोटे हैं, जो 2008 में शुरू हुआ था।
- आईपीएल डेब्यू और शतक: अप्रैल 2025 में, वैभव ने राजस्थान रॉयल्स के लिए लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ 14 साल और 23 दिन की उम्र में आईपीएल डेब्यू किया। अपनी पहली ही गेंद पर उन्होंने छक्का जड़ा और 20 गेंदों में 34 रन बनाए। इसके नौ दिन बाद, गुजरात टाइटन्स के खिलाफ जयपुर में उन्होंने 38 गेंदों में 101 रन बनाकर पुरुष टी20 क्रिकेट में सबसे कम उम्र में शतक बनाने का विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया।
प्रमुख प्रदर्शन
- विनू मांकड़ ट्रॉफी: 12 साल की उम्र में, वैभव ने बिहार के लिए विनू मांकड़ ट्रॉफी में पांच मैचों में लगभग 400 रन बनाए।
- कूच बिहार ट्रॉफी: 2023 में, झारखंड के खिलाफ एक मैच में उन्होंने 128 गेंदों में 151 रन (22 चौके, 3 छक्के) और दूसरी पारी में 76 रन बनाए।
- अंडर-19 क्वाड्रैंगुलर सीरीज: नवंबर 2023 में, वैभव ने भारत अंडर-19 बी के लिए इंग्लैंड और बांग्लादेश अंडर-19 के खिलाफ 53, 74, 41 जैसे स्कोर बनाए, हालांकि वह अंडर-19 विश्व कप के लिए अंतिम टीम में जगह नहीं बना सके।
- रणधीर वर्मा टूर्नामेंट: बिहार में एक अंडर-19 टूर्नामेंट में वैभव ने नाबाद 332 रन की पारी खेली, जो उनकी विस्फोटक बल्लेबाजी का प्रमाण है।
आईपीएल यात्रा और कोचिंग
राजस्थान रॉयल्स ने वैभव को नीलामी से पहले नागपुर में ट्रायल के लिए बुलाया था। वहां, बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौर ने उन्हें एक ओवर में 17 रन बनाने की चुनौती दी, जिसे वैभव ने पहले तीन गेंदों में तीन छक्के लगाकर पूरा किया। उनकी इस प्रतिभा ने राजस्थान रॉयल्स के कोचिंग स्टाफ को प्रभावित किया। वैभव अब राहुल द्रविड़ जैसे दिग्गज कोच और कुमार संगकारा जैसे अनुभवी क्रिकेटरों के मार्गदर्शन में खेल रहे हैं। राजस्थान रॉयल्स का युवा खिलाड़ियों को तराशने का इतिहास रहा है, जैसे संजू सैमसन, यशस्वी जायसवाल और रियान पराग, और वैभव इस परंपरा का हिस्सा बन गए हैं।
चुनौतियां और विवाद
वैभव की उम्र को लेकर सोशल मीडिया पर कुछ विवाद उठे, लेकिन उनके पिता ने स्पष्ट किया कि वैभव ने आठ साल की उम्र में बीसीसीआई का हड्डी परीक्षण (बोन टेस्ट) पास किया था। उन्होंने कहा, "हम किसी से नहीं डरते। वह दोबारा आयु परीक्षण के लिए तैयार है।" वैभव की उम्र को लेकर बीसीसीआई ने भी उनकी प्रामाणिकता की पुष्टि की है।
आईपीएल में 15 साल से कम उम्र के खिलाड़ियों के खेलने पर सवाल उठे, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के नियमों के अनुसार, अंडर-19 क्रिकेट के लिए न्यूनतम उम्र 15 साल है। हालांकि, आईपीएल में कोई औपचारिक उम्र सीमा नहीं है, और फ्रेंचाइजी खिलाड़ी की तैयारियों पर निर्णय लेती हैं। राजस्थान रॉयल्स के सीईओ जेक लश मैकक्रम ने कहा, "वैभव ने हमारे नागपुर हाई-परफॉर्मेंस सेंटर में प्रभावित किया। वह एक असाधारण प्रतिभा है, और हमें विश्वास है कि वह आईपीएल स्तर पर खुद को साबित करेगा।"
प्रेरणा और आदर्श
वैभव वेस्टइंडीज के दिग्गज बल्लेबाज ब्रायन लारा को अपना आदर्श मानते हैं। वह पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज वसीम जाफर से भी समय-समय पर मार्गदर्शन लेते हैं, जिनसे उनकी मुलाकात 2023 में बांग्लादेश में एक अंडर-19 टूर्नामेंट के दौरान हुई थी। वैभव की बल्लेबाजी तकनीक की प्रशंसा दिग्गज खिलाड़ी वीवीएस लक्ष्मण और पूर्व इंग्लैंड कप्तान इयोन मॉर्गन ने भी की है।
बिहार क्रिकेट के लिए उम्मीद की किरण
वैभव की सफलता बिहार क्रिकेट के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है, जो लंबे समय से विवादों और अव्यवस्था से जूझ रहा था। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) के अध्यक्ष राकेश तिवारी ने कहा, "वैभव निश्चित रूप से भविष्य में भारत के लिए खेलेगा।" वैभव की उपलब्धियां बिहार के युवा क्रिकेटरों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन रही हैं।
निजी जीवन और समर्पण
वैभव के कोच प्रमोद कुमार उन्हें एक जिज्ञासु और समर्पित खिलाड़ी बताते हैं। वह कहते हैं, "वैभव को क्रिकेट के अलावा कुछ और नहीं चाहिए। वह मैदान पर कभी आराम नहीं करता, चाहे लंच ब्रेक हो या टी ब्रेक। वह हमेशा अभ्यास में व्यस्त रहता है।" वैभव की मेहनत और उनके परिवार के बलिदान ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है। उनके पिता का कहना है, "वह अब सिर्फ मेरा बेटा नहीं, पूरे बिहार का बेटा है।"
भविष्य की संभावनाएं
वैभव वर्तमान में अंडर-19 एशिया कप में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, जहां उनका पहला मैच 30 नवंबर 2024 को पाकिस्तान के खिलाफ था। उनकी विस्फोटक बल्लेबाजी और शांत स्वभाव उन्हें भविष्य का सुपरस्टार बनने की राह पर ले जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगले दो साल उनके करियर के लिए महत्वपूर्ण होंगे, और राजस्थान रॉयल्स जैसी फ्रेंचाइजी के साथ वह अपनी प्रतिभा को और निखार सकते हैं।
वैभव सूर्यवंशी की कहानी केवल एक युवा क्रिकेटर की सफलता की कहानी नहीं है, बल्कि यह सपनों, मेहनत और बलिदान की एक प्रेरणादायक गाथा है। उनकी यात्रा ने साबित कर दिया है कि उम्र सिर्फ एक संख्या है, और सच्ची प्रतिभा किसी भी बाधा को पार कर सकती है।
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